Ghazals of Ashfaq Husain
नाम | अशफ़ाक़ हुसैन |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Ashfaq Husain |
जन्म की तारीख | 1951 |
ज़रा ज़रा ही सही आश्ना तो मैं भी हूँ
यहीं कहीं कोई आवाज़ दे रहा था मुझे
उस आँख न उस दिल से निकाले हुए हम हैं
तेरे पहलू में तिरे दिल के क़रीं रहना है
तिरे पहलू में तिरे दिल के क़रीं रहना है
फिर याद उसे करने की फ़ुर्सत निकल आई
कहा किस ने मुसलसल काम करने के लिए है
इतना बे-नफ़अ नहीं उस से बिछड़ना मेरा
हंगाम-ए-शब-ओ-रोज़ में उलझा हुआ क्यूँ हूँ
गिरती है तो गिर जाए ये दीवार-ए-सुकूँ भी
दिल इक नई दुनिया-ए-मआनी से मिला है
दिल अजनबी देस में लगा है