अशफ़ाक़ हुसैन कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अशफ़ाक़ हुसैन
नाम | अशफ़ाक़ हुसैन |
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अंग्रेज़ी नाम | Ashfaq Husain |
जन्म की तारीख | 1951 |
ज़ूमिंग
वो हो न सका अपना तो हम हो गए उस के
टूटे हुए लोग हैं सलामत
तुम्हें मनाने का मुझ को ख़याल क्या आए
तलाश अपनी ख़ुद अपने वजूद को खो कर
फूल महकेंगे यूँही चाँद यूँही चमकेगा
मैं अपनी प्यास में खोया रहा ख़बर न हुई
लफ़्ज़ों में हर इक रंज समोने का क़रीना
खुल कर तो वो मुझ से कभी मिलता ही नहीं है
कौन हैं वो जिन्हें आफ़ाक़ की वुसअत कम है
काम जो उम्र-ए-रवाँ का है उसे करने दे
जो ख़्वाब की दहलीज़ तलक भी नहीं आया
दिन भर के झमेलों से बचा लाया था ख़ुद को
दिल में सौ तीर तराज़ू हुए तब जा के खुला
दिल की जागीर में मेरा भी कोई हिस्सा रख
बहुत छोटा सा दिल और इस में इक छोटी सी ख़्वाहिश
ज़रा ज़रा ही सही आश्ना तो मैं भी हूँ
यहीं कहीं कोई आवाज़ दे रहा था मुझे
उस आँख न उस दिल से निकाले हुए हम हैं
तेरे पहलू में तिरे दिल के क़रीं रहना है
तिरे पहलू में तिरे दिल के क़रीं रहना है
फिर याद उसे करने की फ़ुर्सत निकल आई
कहा किस ने मुसलसल काम करने के लिए है
इतना बे-नफ़अ नहीं उस से बिछड़ना मेरा
हंगाम-ए-शब-ओ-रोज़ में उलझा हुआ क्यूँ हूँ
गिरती है तो गिर जाए ये दीवार-ए-सुकूँ भी
दिल इक नई दुनिया-ए-मआनी से मिला है
दिल अजनबी देस में लगा है