तुम भी थे सरशार मैं भी ग़र्क-ए-बहर-ए-रंग-ओ-बू
तुम भी थे सरशार मैं भी ग़र्क-ए-बहर-ए-रंग-ओ-बू
फिर भला दोनों में आख़िर ख़ुद-कशीदा कौन था
(637) Peoples Rate This
तुम भी थे सरशार मैं भी ग़र्क-ए-बहर-ए-रंग-ओ-बू
फिर भला दोनों में आख़िर ख़ुद-कशीदा कौन था
(637) Peoples Rate This