सरों के बोझ को शानों पे रखना मोजज़ा भी है
सरों के बोझ को शानों पे रखना मोजज़ा भी है
हर इक पल वर्ना हम भी हल्क़ा-ए-सरमद में रहते हैं
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सरों के बोझ को शानों पे रखना मोजज़ा भी है
हर इक पल वर्ना हम भी हल्क़ा-ए-सरमद में रहते हैं
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