है कौन जिस से कि वादा ख़ता नहीं होता

है कौन जिस से कि वादा ख़ता नहीं होता

मगर किसी का इरादा ख़ता नहीं होता

जहाँ बिसात पे घिर जाए शाह नर्ग़े में

वहाँ कभी भी पियादा ख़ता नहीं होता

वो दुश्मनों में अगर हो तो बच भी जाऊँ मैं

उसी का वार मबादा ख़ता नहीं होता

जो सर बचे भी तो दस्तार बच नहीं सकती

निशाना उस का ज़ियादा ख़ता नहीं होता

किसी की गर्द-ए-सफ़र बैठते भी देखेंगे

हमारी नज़रों से जादा ख़ता नहीं होता

हैं तजरबे मिरे एहसानमंद लफ़्ज़ों के

हो शक्ल या कि लबादा ख़ता नहीं होता

(999) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Hai Kaun Jis Se Ki Wada KHata Nahin Hota In Hindi By Famous Poet Ashar Hashmi. Hai Kaun Jis Se Ki Wada KHata Nahin Hota is written by Ashar Hashmi. Complete Poem Hai Kaun Jis Se Ki Wada KHata Nahin Hota in Hindi by Ashar Hashmi. Download free Hai Kaun Jis Se Ki Wada KHata Nahin Hota Poem for Youth in PDF. Hai Kaun Jis Se Ki Wada KHata Nahin Hota is a Poem on Inspiration for young students. Share Hai Kaun Jis Se Ki Wada KHata Nahin Hota with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.