Sad Poetry of Asghar Velori
नाम | असग़र वेलोरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Asghar Velori |
शिकार अपनी अना का है आज का इंसाँ
मुझ को ग़म का न कभी दर्द का एहसास रहा
जितना रोना था रो चुके आदम
सुनो कुछ दीदा-ए-नम बोलते हैं
कोई छोटा यहाँ कोई बड़ा है
किसी की चाह में ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है
कहने आए थे कुछ कहा ही नहीं
हो गई अपनों की ज़ाहिर दुश्मनी अच्छा हुआ
एक फ़ित्ना सा उठाया है चला जाएगा