असग़र शमीम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का असग़र शमीम
नाम | असग़र शमीम |
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अंग्रेज़ी नाम | Asghar Shamim |
तलातुम में कभी उतरा था 'असग़र'
शहर तो कब का जल चुका 'असग़र'
सारी दुनिया को जीतने वाला
सर पे दस्तार जब सलामत है
कहाँ सर छुपाएँ पता ही नहीं
दिल में 'असग़र' के ख़ुशियों की बरसात थी
''ख़ुश्क पत्ता है तो हवा से डर''
कहाँ खो गए मेरे ग़म-ख़्वार अब
चैन मुझ को मिला कहाँ अब तक
बात कुछ भी न थी क्यूँ ख़फ़ा हो गया