खो गई जा के नज़र यूँ रुख़-ए-रौशन के क़रीब
खो गई जा के नज़र यूँ रुख़-ए-रौशन के क़रीब
जैसे खो जाती है बेवा कोई दुल्हन के क़रीब
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खो गई जा के नज़र यूँ रुख़-ए-रौशन के क़रीब
जैसे खो जाती है बेवा कोई दुल्हन के क़रीब
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