इस से पहले कि हवा मुझ को उड़ा ले जाए
इस से पहले कि हवा मुझ को उड़ा ले जाए
अपनी ज़ुल्फ़ों में कोई आ के सजा ले जाए
जिस को इस अहद में जीने का हुनर आता हो
उस से कह दो कि मिरी उम्र लगा ले जाए
चाँदनी खिड़की से कमरे में उतर आती है
कोई तस्वीर न एल्बम से चुरा ले जाए
हौसला देव से लड़ने का किसी में भी नहीं
चाहते सब हैं परी आ के जगा ले जाए
अपनी ख़ातिर न सही कुछ तो बचा कर रक्खो
लूटने कोई अगर आए तो क्या ले जाए
इब्न-ए-आदम न कहो उस को फ़रिश्ता समझो
ख़ुद को जो दाना-ए-गंदुम से बचा ले जाए
(832) Peoples Rate This