क़हर है थोड़ी सी भी ग़फ़लत तरीक़-ए-इश्क़ में
क़हर है थोड़ी सी भी ग़फ़लत तरीक़-ए-इश्क़ में
आँख झपकी क़ैस की और सामने महमिल न था
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क़हर है थोड़ी सी भी ग़फ़लत तरीक़-ए-इश्क़ में
आँख झपकी क़ैस की और सामने महमिल न था
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