न खुले उक़्दा-हा-ए-नाज़-ओ-नियाज़

न खुले उक़्दा-हा-ए-नाज़-ओ-नियाज़

हुस्न भी राज़ और इश्क़ भी राज़

राज़ की जुस्तुजू में मरता हूँ

और मैं ख़ुद हूँ एक पर्दा-ए-राज़

बाल-ओ-पर में मगर कहाँ पाएँ

बू-ए-गुल यानी हिम्मत-ए-परवाज़

साज़-ए-दिल क्या हुआ वो टूटा सा

सारी हस्ती है गोश-बर-आवाज़

लज़्ज़त-ए-सज्दा-हा-ए-शौक़ न पूछ

हाए वो इत्तिसाल-ए-नाज़-ओ-नियाज़

देख रानाई-ए-हकीक़त को

इश्क़ ने भर दिया है रंग-ए-मजाज़

साज़-ए-हस्ती का जाएज़ा कैसा

तार क्या देख तार की आवाज़

(771) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Na Khule Uqda-ha-e-naz-o-niyaz In Hindi By Famous Poet Asghar Gondvi. Na Khule Uqda-ha-e-naz-o-niyaz is written by Asghar Gondvi. Complete Poem Na Khule Uqda-ha-e-naz-o-niyaz in Hindi by Asghar Gondvi. Download free Na Khule Uqda-ha-e-naz-o-niyaz Poem for Youth in PDF. Na Khule Uqda-ha-e-naz-o-niyaz is a Poem on Inspiration for young students. Share Na Khule Uqda-ha-e-naz-o-niyaz with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.