साया भी साथ छोड़ गया अब तो ऐ 'असर'
फिर किस लिए मैं आज को कल से जुदा करूँ
Gulzar
Wasi Shah
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Rahat Indori
Parveen Shakir
Anwar Masood
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(805) Peoples Rate This
रास्ता रोक लिया मेरा किसी बच्चे ने
कोई हमदम बना के देखो तुम
ज़िंदगी तुझ से ये गिला है मुझे
जाने क्यूँ लोग ग़म से डरते हैं
जो लोग डरते हैं रातों को अपने साए से
उल्फ़त के बदले उन से मिला दर्द-ए-ला-इलाज
हम हुए दश्त-ए-नवर्द फिर भी न देखा तुझ को
फ़िक्र-ए-जहान दर्द-ए-मोहब्बत फ़िराक़-ए-यार
उदास हो न तू ऐ दिल किसी के रोने से
है अजब सी कश्मकश दिल में 'असर'
जुनूँ की ख़ैर हो तुझ को 'असर' मिला सब कुछ
कितना मुश्किल है ख़ुद-बख़ुद रोना