जाऊँ कहाँ शुऊ'र-ए-हुनर किस के पास है

जाऊँ कहाँ शुऊ'र-ए-हुनर किस के पास है

आँखें हैं सब के पास नज़र किस के पास है

हद्द-ए-नज़र में मंज़िल-ए-मक़्सूद है मगर

जाएगा कौन रख़्त-ए-सफ़र किस के पास है

ज़ख़्मों में हो रहे हैं इज़ाफ़े नए नए

लेकिन नहीं ख़बर कि तबर किस के पास है

हम हैं ब-क़ौल उन के अगर तीरगी-पसंद

फिर दोस्तो कलीद-ए-सहर किस के पास है

मैं क़ामत-ए-शजर का पुजारी नहीं 'असद'

मुझ को ये देखना है समर किस के पास है

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