Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_8641a8b8971268950e9a5c9eeb0b6773, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ग़म-ए-हयात से जब वास्ता पड़ा होगा - असद भोपाली कविता - Darsaal

ग़म-ए-हयात से जब वास्ता पड़ा होगा

ग़म-ए-हयात से जब वास्ता पड़ा होगा

मुझे भी आप ने दिल से भुला दिया होगा

सुना है आज वो ग़मगीन थे मलूल से थे

कोई ख़राब-ए-वफ़ा याद आ गया होगा

नवाज़िशें हों बहुत एहतियात से वर्ना

मिरी तबाही से तुम पर भी तबसिरा होगा

किसी का आज सहारा लिया तो है दिल ने

मगर वो दर्द बहुत सब्र-आज़मा होगा

जुदाई इश्क़ की तक़दीर ही सही ग़म-ख़्वार

मगर न जाने वहाँ उन का हाल क्या होगा

बस आ भी जाओ बदल दें हयात की तक़दीर

हमारे साथ ज़माने का फ़ैसला होगा

ख़याल-ए-क़ुर्बत-ए-महबूब छोड़ दामन छोड़

कि मेरा फ़र्ज़ मिरी राह देखता होगा

बस एक नारा-ए-रिंदाना एक ज़ुरअ-ए-तल्ख़

फिर उस के बाद जो आलम भी हो नया होगा

मुझी से शिकवा-ए-गुस्ताख़ी-ए-नज़र क्यूँ है

तुम्हें तो सारा ज़माना ही देखता होगा

'असद' को तुम नहीं पहचानते तअज्जुब है

उसे तो शहर का हर शख़्स जानता होगा

(902) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Gham-e-hayat Se Jab Wasta PaDa Hoga In Hindi By Famous Poet Asad Bhopali. Gham-e-hayat Se Jab Wasta PaDa Hoga is written by Asad Bhopali. Complete Poem Gham-e-hayat Se Jab Wasta PaDa Hoga in Hindi by Asad Bhopali. Download free Gham-e-hayat Se Jab Wasta PaDa Hoga Poem for Youth in PDF. Gham-e-hayat Se Jab Wasta PaDa Hoga is a Poem on Inspiration for young students. Share Gham-e-hayat Se Jab Wasta PaDa Hoga with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.