आरज़ू सहारनपुरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आरज़ू सहारनपुरी
नाम | आरज़ू सहारनपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Arzoo Saharanpuri |
महसूस कर रहा हूँ ख़ुद अपने जमाल को
कभी कभी तो इक ऐसा मक़ाम आया है
गो सरापा-ए-जब्र हैं फिर भी
भूल के कभी न फ़ाश कर राज़-ओ-नियाज़-ए-आशिक़ी
किस क़यामत का है बाज़ार तिरे कूचे में
ख़ुदी की फ़ितरत-ए-ज़र्रीं के राज़-हा-ए-दरूँ
अज़ल के दिन जिन्हें देखा था बज़्म-ए-हुस्न-ए-पिन्हाँ में