हुस्न ओ इश्क़ की लाग में अक्सर छेड़ उधर से होती है
हुस्न ओ इश्क़ की लाग में अक्सर छेड़ उधर से होती है
शम्अ की शोअ'ला जब लहराई उड़ के चला परवाना भी
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हुस्न ओ इश्क़ की लाग में अक्सर छेड़ उधर से होती है
शम्अ की शोअ'ला जब लहराई उड़ के चला परवाना भी
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