फ़ज़ा महदूद कब है ऐ दिल-ए-वहशी फ़लक कैसा
फ़ज़ा महदूद कब है ऐ दिल-ए-वहशी फ़लक कैसा
निलाहट है नज़र की देखते हैं जो निगाहों से
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फ़ज़ा महदूद कब है ऐ दिल-ए-वहशी फ़लक कैसा
निलाहट है नज़र की देखते हैं जो निगाहों से
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