नाले मजबूरों के ख़ाली नहीं जाने वाले
नाले मजबूरों के ख़ाली नहीं जाने वाले
हैं ये सोता हुआ इंसाफ़ जगाने वाले
हद से टकराती है जो शय वो पलटती है ज़रूर
ख़ुद भी रोएँगे ग़रीबों को रुलाने वाले
चुप है परवाना तो क्या शम्अ' को ख़ुद है इक़रार
आप ही जलते हैं औरों को जलाने वाले
'आरज़ू' ज़िक्र ज़बानों पे है इबरत के लिए
मिटने वाले हैं न बाक़ी हैं मिटाने वाले
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