Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_198ee990726c3fb720edad8c8b0a2bb0, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मैं ने उसी से हाथ मिलाया था और बस - अरशद महमूद अरशद कविता - Darsaal

मैं ने उसी से हाथ मिलाया था और बस

मैं ने उसी से हाथ मिलाया था और बस

वो शख़्स जो अज़ल से पराया था और बस

लम्बा सफ़र था आबला-पाई थी धूप थी

मैं था तुम्हारी याद का साया था और बस

हद्द-ए-निगाह चार-सू किरनों का रक़्स था

पहलू में चाँद झील के आया था और बस

इक भेड़िया था दोस्ती की खाल में छुपा

इस ने मिरे वजूद को खाया था और बस

फिर यूँ हुआ हवाएँ थीं रक़्साँ तमाम-रात

इक ताक़चे में दीप जलाया था और बस

दोनों तरफ़ की रंजिशें अश्कों में बह गईं

इक शख़्स मेरे ख़्वाब में आया था और बस

इस कारज़ार-ए-ज़ीस्त में हम ने तमाम-उम्र

'अरशद' किसी का इश्क़ कमाया था और बस

(664) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Maine Usi Se Hath Milaya Tha Aur Bas In Hindi By Famous Poet Arshad Mahmood Arshad. Maine Usi Se Hath Milaya Tha Aur Bas is written by Arshad Mahmood Arshad. Complete Poem Maine Usi Se Hath Milaya Tha Aur Bas in Hindi by Arshad Mahmood Arshad. Download free Maine Usi Se Hath Milaya Tha Aur Bas Poem for Youth in PDF. Maine Usi Se Hath Milaya Tha Aur Bas is a Poem on Inspiration for young students. Share Maine Usi Se Hath Milaya Tha Aur Bas with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.