Hope Poetry of Arshad Kamal
नाम | अरशद कमाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Arshad Kamal |
जन्म की तारीख | 1955 |
वो आए तो लगा ग़म का मुदावा हो गया है
ज़माना कुछ भी कहे तेरी आरज़ू कर लूँ
कुछ तो मिल जाए कहीं दीदा-ए-पुर-नम के सिवा
किया है मैं ने ऐसा क्या कि ऐसा हो गया है
कभी जो उस की तमन्ना ज़रा बिफर जाए
हम ज़ीस्त की मौजों से किनारा नहीं करते
हर एक लम्हा-ए-ग़म बहर-ए-बे-कराँ की तरह
इक लफ़्ज़ आ गया था जो मेरी ज़बान पर
दर्द की साकित नदी फिर से रवाँ होने को है
ऐ दिल तिरे तुफ़ैल जो मुझ पर सितम हुए