वो ज़माने का तग़य्युर हो कि मौसम का मिज़ाज
वो ज़माने का तग़य्युर हो कि मौसम का मिज़ाज
बे-ज़रर दोनों हैं नैरंगी-ए-आदाम के सिवा
(1752) Peoples Rate This
वो ज़माने का तग़य्युर हो कि मौसम का मिज़ाज
बे-ज़रर दोनों हैं नैरंगी-ए-आदाम के सिवा
(1752) Peoples Rate This