दस्त-ए-जुनूँ ने फाड़ के फेंका इधर-उधर
दामन अबद में है तो गरेबाँ अज़ल में है
Javed Akhtar
Anwar Masood
Habib Jalib
Gulzar
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Wasi Shah
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यार की फ़र्त-ए-नज़ाकत का हूँ मैं शुक्र-गुज़ार
बा'द मेरे जो किया शाद किसी को तो कहा
ऐ बे-ख़ुदी-ए-दिल मुझे ये भी ख़बर नहीं
पूछा सबा से उस ने पता कू-ए-यार का
हुज़ूर-ए-ग़ैर तुम उश्शाक़ की तहक़ीर करते हो
रुख़ तह-ए-ज़ुल्फ़ है और ज़ुल्फ़ परेशाँ सर पर
हम उन से और वो हम से दम-ए-सुल्ह थे ख़जिल
हिम्मत का ज़ाहिदों की सरासर क़ुसूर था
ख़ुश-क़दों से कभी आलम न रहेगा ख़ाली
पिन्हाँ था ख़ुश-निगाहों की दीदार का मरज़
आशिक़-ए-गेसू-ओ-क़द तेरे गुनहगार हैं सब
ज़मीन पाँव के नीचे से सरकी जाती है