साफ़ बातों से हो गया मा'लूम

साफ़ बातों से हो गया मा'लूम

होते हो मतलब-आश्ना मा'लूम

कुश्ता तेग़-ए-निगह से कीजिएगा

चश्म-ओ-अबरू से हो गया मा'लूम

इब्तिदा ने मोहब्बत-ए-दिल की

ये न थी हम को इंतिहा मा'लूम

कुछ दहन ही नहीं है वो नापैद

कमर-ए-यार भी है ना-मा'लूम

दर तक उस के मिरी रसाई हो

तुझ से ऐ बख़्त-ए-ना-रसा मा'लूम

जब कहा रोके तुझ पे मरते हैं

हँस के बोला वो बुत ख़ुदा-मा'लूम

मेहरबाँ आज-कल है वो बे-मेहर

उस में होती है कुछ दुआ मा'लूम

तुम सुख़न-साज़ हो बड़े ऐ जान

तर्ज़-ए-तक़रीर से हुआ मा'लूम

जब मुअम्मे में ज़िक्र-ए-वस्ल किया

बोला मतलब न कुछ हुआ मा'लूम

बद-गुमाँ दुख़्त-ए-रज़ से वाइज़ हो

हम को होती है पारसा मा'लूम

ले के दिल वो करेगा बेदर्दी

ये न ढंग उस का क़ब्ल था मा'लूम

क़ाबिल-ए-इश्क़ ये हसीन नहीं

इन दग़ा-बाज़ों से वफ़ा मा'लूम

जब कहा मैं ने ओ तग़ाफ़ुल-केश

हाल है मेरे इश्क़ का मा'लूम

मिस्ल-ए-आईना हैरती हूँ क़दीम

बोला लाखों हैं ऐसे क्या मा'लूम

हाँ मगर हम को देखा तो है कहीं

होते हो सूरत-आश्ना मा'लूम

साबिक़ा जब तक ऐ 'क़लक़' न पड़े

हाल इंसान का हो क्या मा'लूम

(757) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Saf Baaton Se Ho Gaya Malum In Hindi By Famous Poet Arshad Ali Khan Qalaq. Saf Baaton Se Ho Gaya Malum is written by Arshad Ali Khan Qalaq. Complete Poem Saf Baaton Se Ho Gaya Malum in Hindi by Arshad Ali Khan Qalaq. Download free Saf Baaton Se Ho Gaya Malum Poem for Youth in PDF. Saf Baaton Se Ho Gaya Malum is a Poem on Inspiration for young students. Share Saf Baaton Se Ho Gaya Malum with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.