जो साक़िया तू ने पी के हम को दिया है जाम-ए-शराब आधा

जो साक़िया तू ने पी के हम को दिया है जाम-ए-शराब आधा

तू अपने दाँतों से काट कर दे हमारे मुँह में कबाब आधा

वो पुर-गुनह हूँ कि रह गए सब उसी में दिन कट गया वो सारा

हनूज़ महशर के महकमे में हुआ था मेरा हिसाब आधा

कहाँ गई अब वो लन-तरानी न ताब जल्वे की लाए आशिक़

हुनूज़ खोला था बहर-ए-दीदार उस ने बंद-ए-नक़ाब आधा

जज़ा-ए-कामिल जो चाहता है तो ज़ब्ह कर डाल जल्द क़ातिल

न छोड़ना मुझ को नीम-बिस्मिल कि पाएगा तू सवाब आधा

दिमाग़ देखो मिरे सनम का गिला जो करता हूँ मैं सितम का

तो देते हैं सारी बात का वो मुझे ब-दिक़्क़त जवाब आधा

सफ़ेद-ओ-सुर्ख़ है ऐसी रंगत कि जब बना होगा उस का पुतला

मिलाया होवेगा उस में साने' ने मैदा आधा शहाब आधा

दुपट्टा आब-ए-रवाँ का सर का जो उस की महरम से समझे ये हम

कि बहर-ए-हुस्न-ए-सनम का हम को दिया दिखाई हबाब आधा

इशारा है साफ़ ऐ 'क़लक़' ये कि आओ सहबा-कशी हो बाहम

जो उस ने भेजी है अपनी झूटी शराब आधी कबाब आधा

(761) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Jo Saqiya Tu Ne Pi Ke Hum Ko Diya Hai Jam-e-sharab Aadha In Hindi By Famous Poet Arshad Ali Khan Qalaq. Jo Saqiya Tu Ne Pi Ke Hum Ko Diya Hai Jam-e-sharab Aadha is written by Arshad Ali Khan Qalaq. Complete Poem Jo Saqiya Tu Ne Pi Ke Hum Ko Diya Hai Jam-e-sharab Aadha in Hindi by Arshad Ali Khan Qalaq. Download free Jo Saqiya Tu Ne Pi Ke Hum Ko Diya Hai Jam-e-sharab Aadha Poem for Youth in PDF. Jo Saqiya Tu Ne Pi Ke Hum Ko Diya Hai Jam-e-sharab Aadha is a Poem on Inspiration for young students. Share Jo Saqiya Tu Ne Pi Ke Hum Ko Diya Hai Jam-e-sharab Aadha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.