Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f89ae84e6b465bd2b268e8ccbb0f5955, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Arshad Abdul Hamid Heart Broken In Hindi - Best Heart Broken Of Arshad Abdul Hamid Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Heart Broken Poetry of Arshad Abdul Hamid

Heart Broken Poetry of Arshad Abdul Hamid
नामअरशद अब्दुल हमीद
अंग्रेज़ी नामArshad Abdul Hamid
जन्म स्थानTonk

ये किस को याद किया रूह की ज़रूरत ने

मिट्टी को चूम लेने की हसरत ही रह गई

मिले जो उस से तो यादों के पर निकल आए

मैं अपने आप को भी देखने से क़ासिर हूँ

शर्त-ए-दीवार-ओ-दर-ओ-बाम उठा दी है तो क्या

रुकते हुए क़दमों का चलन मेरे लिए है

मुझ को तक़दीर ने यूँ बे-सर-ओ-आसार किया

मुझ सा बेताब यहाँ कोई नहीं मेरे सिवा

मिले जो उस से तो यादों के पर निकल आए

मिरे ख़ेमे ख़स्ता-हाल में हैं मिरे रस्ते धुँद के जाल में हैं

मेरे अशआर तमव्वुज पे जो आए हुए हैं

मेहर ओ महताब को मेरे ही निशाँ जानती है

लकीर-ए-संग को अन्क़ा-मिसाल हम ने किया

कोई भी शय हो मियाँ जान से प्यारी किसे है

ख़ामोशी तक तो एक सदा ले गई मुझे

जिंस-ए-मख़लूत हैं और अपने ही आज़ार में हैं

इश्क़ मरहून-ए-हिकायात-ओ-गुमाँ भी होगा

हवा-ए-हिर्स-ओ-हवस से मफ़र भी करना है

है टोंक अर्ज़-ए-पाक वहीं से उठेंगे हम

ग़ज़ल में जान पड़ी गुफ़्तुगू में फूल खिले

घटाएँ घिरती हैं बिजली कड़क के गिरती है

ग़लत नहीं है दिल-ए-सुल्ह-ख़ू जो बोलता है

फ़सील-ए-सब्र में रौज़न बनाना चाहती है

चिराग़-ए-दर्द कि शम-ए-तरब पुकारती है

अरशद अब्दुल हमीद Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अरशद अब्दुल हमीद. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अरशद अब्दुल हमीद. Share the अरशद अब्दुल हमीद Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.