Love Poetry of Arman Najmi

Love Poetry of Arman Najmi
नामअरमान नज्मी
अंग्रेज़ी नामArman Najmi

हिना-रंग हाथों में

पिछली रफ़ाक़तों का न इतना मलाल कर

निगाह-ए-तिश्ना से हैरत का बाब देखते हैं

नज़र के सामने सहरा-ए-बे-पनाही है

न हर्फ़-ए-शौक़ न तर्ज़-ए-बयाँ से आती है

कभी तो आ के मिलो मेरा हाल तो पूछो

गुज़रते दिन के दुखों का पता तो देता था

गिरते उभरते डूबते धारे से कट गया

घनी आबादियों की बे-अमानी का तमाशा कर

इक बे-निशान हर्फ़-ए-सदा की तरफ़ न देख

दिमाग़-ओ-दिल पे हो क्या असर अँधेरे का

ब-ज़ाहिर ये वही मिलने बिछड़ने की हिकायत है

अपनी सच्चाई का आज़ार जो पाले हुए हैं

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