Hope Poetry of Arman Najmi
नाम | अरमान नज्मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Arman Najmi |
हिना-रंग हाथों में
ताज-ए-ज़र्रीं न कोई मसनद-ए-शाही माँगूँ
निगाह-ए-तिश्ना से हैरत का बाब देखते हैं
न हर्फ़-ए-शौक़ न तर्ज़-ए-बयाँ से आती है
मैं लिख कर हो सकूँगा सुर्ख़-रू क्या
जाने किस आलम-ए-एहसास में खोए हुए हैं
गिरते उभरते डूबते धारे से कट गया
दिमाग़-ओ-दिल पे हो क्या असर अँधेरे का