Ghazals of Arif Ishtiaque
नाम | आरिफ़ इशतियाक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Arif Ishtiaque |
जन्म की तारीख | 1979 |
जन्म स्थान | Karachi,Pakistan |
ज़िंदगी यूँ करें बसर कब तक
यही होना था और हुआ जानाँ
वो मेरे शहर में आया हुआ है
उम्र-भर का हुआ ज़ियाँ जानाँ
तुम्हारी याद तारी हो रही है
तुझे भी इश्क़ हुआ है ये किस ज़माने में
तो मिरी ज़िंदगी बनोगी तुम
मुझ को फ़ुर्क़त से गुज़ारा जाएगा
मैं अब उक्ता गया हूँ फुर्क़तों से
हर किसी के लिए दुआ करना
गिला तिरे फ़िराक़ का जो आज-कल नहीं रहा
गिला होंटों पे लाए जा रहा हूँ
दिया जलाएगी तू और मैं बुझाऊँगा
दिल टूटा तो क्या से क्या नुक़सान हुआ
आख़िरी ख़त मुझे मिला तेरा