आरिफ़ इमाम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आरिफ़ इमाम
नाम | आरिफ़ इमाम |
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अंग्रेज़ी नाम | Arif Imam |
जन्म की तारीख | 1956 |
जन्म स्थान | USA |
ये मिट्टी मेरे ख़ाल-ओ-ख़द चुरा कर
उसी की बात लिखी चाहे कम लिखी हम ने
तुम्हारे हिज्र में मरना था कौन सा मुश्किल
तलाश-ए-रिज़्क़ का ये मरहला अजब है कि हम
सुबू में अक्स-ए-रुख़-ए-माहताब देखते हैं
ख़ून कितना बहा था मक़्तल में
हवस न जान तुझे छू के देखना ये है
एक पर्दा है बे-सबाती का
इक बरस हो गया उसे देखे
बना रहा हूँ अभी घर को आइना-ख़ाना
अपने ही पैरों से अपना-आप रौंद
अजब था नश्शा-ए-वारफ़तगी-ए-वस्ल उसे
अभी तो मैं ने फ़क़त बारिशों को झेला है
ज़ख़्म सब उस को दिखा कर रक़्स कर
उस गली से मिरे गुज़रने तक
सुबू में अक्स-ए-रुख़-ए-माहताब देखते हैं
शायरी मुझ को अजब हाल में ले जाती है
सब लहू जम गया उबाल के बीच
नफ़स की आमद-ओ-शुद को वबाल कर के भी
मुझे मुझ से मिलाती जा रही है
कुछ ऐसे ज़ख़्म-ए-ज़माना का इंदिमाल किया
हालत-ए-हर्फ़ किस ने जानी है
फ़सील-ए-ज़ात से बाहर भी देखना है मुझे
अपनी तकमील कर रहा हूँ मैं