Love Poetry of Aqeel Shadab

Love Poetry of Aqeel Shadab
नामअक़ील शादाब
अंग्रेज़ी नामAqeel Shadab

ज़िंदगी मुझ को मिरी नज़रों में शर्मिंदा न कर

शायद कोई कमी मेरे अंदर कहीं पे है

मेरे ज़ेहन-ओ-दिल में फ़िक्र-ओ-फ़न में था

मताअ-ओ-माल न दे दौलत-ए-तबाही दे

मय-कशो जान के लाले नज़र आते हैं मुझे

हवस का रंग चढ़ा उस पे और उतर भी गया

बाइ'स-ए-अर्ज़-ए-हुनर कर्ब-ए-निहानी निकला

असर मिरी ज़बान में नहीं रहा

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