शायद कहीं इस प्यार में थोड़ी सी कमी है
और प्यार में थोड़ी सी कमी कम नहीं होती
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हर इक रंज-ओ-ग़म से सुबुक-दोश हो जा
तमन्नाएँ जवाँ थीं इश्क़ फ़रमाने से पहले
वो जानता है उस की दलीलों में दम नहीं
उन से भी कहाँ मेरी हिमायत में हिला सर