Sad Poetry of Anwar Shuoor
नाम | अनवर शऊर |
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अंग्रेज़ी नाम | Anwar Shuoor |
जन्म की तारीख | 1943 |
जन्म स्थान | Karachi |
नहीं ख़स्ता-हाली पे ना-मुतमइन हम
सामाँ तो बेहद है दिल में
सच है उम्र भर किस का कौन साथ देता है
किस क़दर बद-नामियाँ हैं मेरे साथ
कभी रोता था उस को याद कर के
हो गए दिन जिन्हें भुलाए हुए
गो मुझे एहसास-ए-तन्हाई रहा शिद्दत के साथ
गो कठिन है तय करना उम्र का सफ़र तन्हा
फ़रिश्तों से भी अच्छा मैं बुरा होने से पहले था
आदमी के लिए रोना है बड़ी बात 'शुऊर'
ज़हर की चुटकी ही मिल जाए बराए दर्द-ए-दिल
ये तन्हाई ये उज़्लत ऐ दिल ऐ दिल
ये मत पूछो कि कैसा आदमी हूँ
यादों के बाग़ से वो हरा-पन नहीं गया
याद करो जब रात हुई थी
उस बज़्म में क्या कोई सुने राय हमारी
उन से तन्हाई में बात होती रही
टूटा तिलिस्म-ए-वक़्त तो क्या देखता हूँ मैं
सुलैमान-ए-सुख़न तो ख़ैर क्या हूँ
'शुऊर' वक़्त पे दिल की दवा हुई होती
शक नहीं है हमें उस बुत के ख़ुदा होने में
रही रात उन से मुलाक़ात कम
पियो कि मा-हसल-ए-होश किस ने देखा है
न सह सकूँगा ग़म-ए-ज़ात गो अकेला मैं
मैं ख़ाक हूँ आब हूँ हवा हूँ
कुछ दिन तो कर तआ'वुन ऐ ख़ुश-सिफ़ात मुझ से
जो सुनता हूँ कहूँगा मैं जो कहता हूँ सुनूँगा मैं
जो जल उठी है शबिस्ताँ में याद सी क्या है
इस में क्या शक है कि आवारा हूँ मैं
हो गए दिन जिन्हें भुलाए हुए