Ghazals of Anwar Shuoor (page 2)
नाम | अनवर शऊर |
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अंग्रेज़ी नाम | Anwar Shuoor |
जन्म की तारीख | 1943 |
जन्म स्थान | Karachi |
ख़्वाह दिल से मुझे न चाहे वो
ख़त्म हर अच्छा बुरा हो जाएगा
कट चुकी थी ये नज़र सब से बहुत दिन पहले
काफ़ी नहीं ख़ुतूत किसी बात के लिए
कड़ा है दिन बड़ी है रात जब से तुम नहीं आए
जो सुनता हूँ कहूँगा मैं जो कहता हूँ सुनूँगा मैं
जो जल उठी है शबिस्ताँ में याद सी क्या है
जो हम-कलाम हो हम से उसी के होते हैं
इत्तिफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगह
इस में क्या शक है कि आवारा हूँ मैं
हो गए दिन जिन्हें भुलाए हुए
हवस बला की मोहब्बत हमें बला की है
गो कठिन है तय करना उम्र का सफ़र तन्हा
फ़रिश्तों से भी अच्छा मैं बुरा होने से पहले था
बुरा बुरे के अलावा भला भी होता है
बशारत हो कि अब मुझ सा कोई पागल न आएगा
और न दर-ब-दर फिरा और न आज़मा मुझे
अकेले क्या पस-ए-दीवार-ओ-दर गए हम तुम
ऐसे देखा है कि देखा ही न हो
अगरचे आइना-ए-दिल में है क़याम उस का
आवारा हूँ रैन-बसेरा कोई नहीं मेरा