Sharab Poetry of Anwar Mirzapuri
नाम | अनवर मिर्ज़ापुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Anwar Mirzapuri |
जन्म स्थान | Mirzapur |
कविताएं
Ghazal 7
Couplets 7
Love 9
Sad 7
Heart Broken 7
Bewafa 1
Hope 6
Friendship 1
Islamic 3
Sharab 6
मिरे अश्क भी हैं इस में ये शराब उबल न जाए
अभी रात कुछ है बाक़ी न उठा नक़ाब साक़ी
वादा-ए-शाम-ए-फ़र्दा पे ऐ दिल मुझे गर यक़ीं ही न आए तो मैं क्या करूँ
मैं तो समझा था जिस वक़्त मुझ को वो मिलेंगे तो जन्नत मिलेगी
मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए
इस वास्ते दामन चाक किया शायद ये जुनूँ काम आ जाए