Love Poetry of Anwar Mirzapuri
नाम | अनवर मिर्ज़ापुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Anwar Mirzapuri |
जन्म स्थान | Mirzapur |
मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए
मैं ख़ुश हूँ अगर गुलशन के लिए कुछ मेरा लहू काम आ जाए
ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए
यहाँ काँप जाते हैं फ़लसफ़े ये बड़ा अजीब मक़ाम है
वादा-ए-शाम-ए-फ़र्दा पे ऐ दिल मुझे गर यक़ीं ही न आए तो मैं क्या करूँ
मैं तो समझा था जिस वक़्त मुझ को वो मिलेंगे तो जन्नत मिलेगी
मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए
किसी सूरत भी नींद आती नहीं मैं कैसे सो जाऊँ
इस वास्ते दामन चाक किया शायद ये जुनूँ काम आ जाए