Ghazals of Anwar Minai
नाम | अनवर मीनाई |
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अंग्रेज़ी नाम | Anwar Minai |
मख़मली ख़्वाब का आँखों में न मंज़र फैला
महफ़ूज़ रहेगा क्या एहसास का आईना
ख़्वाब बिखरेंगे तो हम को भी बिखरना होगा
जब ज़मीं के मुक़द्दर सँवर जाएँगे
हर मंज़र-ए-ख़ुश-रंग सुलग जाए तो क्या हो
हर दम दुआ-ए-आब-ओ-हवा माँगते रहे
गुम कर दें इक ज़रा तुझे ख़्वाबों के शहर में
एहसास की रगों में उतरने लगा है वो
बड़े सुकून से ख़ुद अपने हम-सरों में रहे
आज मुझे कुछ लोग मिले हैं पागल से