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सर-दर्द में गोली ये बड़ी ज़ूद-असर है - अनवर मसूद कविता - Darsaal

सर-दर्द में गोली ये बड़ी ज़ूद-असर है

सर-दर्द में गोली ये बड़ी ज़ूद-असर है

पर थोड़ा सा नुक़सान भी हो सकता है इस से

हो सकती है पैदा कोई तबख़ीर की सूरत

दिल तंग ओ परेशान भी हो सकता है इस से

हो सकती है कुछ सक़्ल-ए-समाअत की शिकायत

बे-कार कोई कान भी हो सकता है इस से

मुमकिन है ख़राबी कोई हो जाए जिगर में

हाँ आप को यरक़ान भी हो सकता है इस से

पड़ सकती है कुछ जिल्द-ख़राशी की ज़रूरत

ख़ारिश का कुछ इम्कान भी हो सकता है इस से

हो सकती हैं यादें भी ज़रा इस से मुतअस्सिर

मा'मूली सा निस्यान भी हो सकता है इस से

हो सकता है लाहक़ कोई पेचीदा मरज़ भी

गुर्दा कोई वीरान भी हो सकता है इस से

मुमकिन है कि हो जाए नशा इस से ज़ियादा

फिर आप का चालान भी हो सकता है इस से

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