Ghazals of Anwar Dehlvi
नाम | अनवर देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Anwar Dehlvi |
जन्म की तारीख | 1847 |
मौत की तिथि | 1885 |
यूसुफ़-ए-हुस्न का हुस्न आप ख़रीदार रहा
उन से हम लौ लगाए बैठे हैं
नज़र आए क्या मुझ से फ़ानी की सूरत
न मैं समझा न आप आए कहीं से
मोहब्बत हो तो बर्क़-ए-जिस्म-ओ-जाँ हो
हो रहा है टुकड़े टुकड़े दिल मेरे ग़म-ख़्वार का
है भी और फिर नज़र नहीं आती
देखा जो मर्ग तो मरना ज़ियाँ न था
अश्क बेताब व निगह बे-बाक व चश्म-ए-तर ख़राब
अब अपना हाल हम उन्हें तहरीर कर चुके
आँखें दिखाईं ग़ैर को मेरी ख़ता के साथ