Ghazals of Anwar Anjum
नाम | अनवर अंजुम |
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अंग्रेज़ी नाम | Anwar Anjum |
चले ही जाएगी क्या दर्द की कटारी भला
कब लज़्ज़तों ने ज़ेहन का पीछा नहीं किया
वो बुत बिना निगाह जमाए खड़ा रहा
जब से पड़ी है उन से मुलाक़ात की तरह
चाँद तारे जिसे हर शब देखें
ये नर्म हाथ मरे हाथ में थमा दीजे
कोई सदा न दूर तलक नक़्श-ए-पा कोई
खिला है फूल बहुत रोज़ में मुक़द्दर का
कब लज़्ज़तों ने ज़ेहन का पीछा नहीं किया
हुआ करे अगर उस को कोई गिला होगा
हुआ करे अगर उस को कोई गिला होगा
धूप हो गए साए जल गए शजर जैसे
चुप बैठा में अक्सर सोचता रहता हूँ
चाँद तारे जिसे हर शब देखें