Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_c8702dfc2a1c5b33537270ba2dfde79e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दिल यही सोच के बेताब हुआ जाता है - अनुभव गुप्ता कविता - Darsaal

दिल यही सोच के बेताब हुआ जाता है

दिल यही सोच के बेताब हुआ जाता है

दर-ब-दर मेरा हर इक ख़्वाब हुआ जाता है

रात-दिन दर्द के आग़ोश में जलती साँसें

अब लहू जिस्म का तेज़ाब हुआ जाता है

बहते रहते हैं इन आँखों से मुसलसल आँसू

शहर-ए-दिल वादी-ए-बे-आब हुआ जाता है

जब भी पड़ती है खुली धूप ज़मीं पर उस की

उस का चेहरा कोई महताब हुआ जाता है

तेरी यादों की महक और ये हल्की रिम-झिम

आज बिस्तर भी तो कम-ख़्वाब हुआ जाता है

जाने क्या बात है जो आप की क़ुर्बत पा कर

आम इंसान भी नायाब हुआ जाता है

बज़्म में आप के आने की खबर सुन सुन कर

दिल मेरा ख़ित्ता-ए-शादाब हुआ जाता है

क्या करूँ अब मैं ज़माने से मोहब्बत कर के

ये समुंदर भी तो पायाब हुआ जाता है

क्या कहूँ आए दिनों गाँव मेरा फैशन में

कभी दिल्ली कभी पंजाब हुआ जाता है

(888) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil Yahi Soch Ke Betab Hua Jata Hai In Hindi By Famous Poet Anubhav Gupta. Dil Yahi Soch Ke Betab Hua Jata Hai is written by Anubhav Gupta. Complete Poem Dil Yahi Soch Ke Betab Hua Jata Hai in Hindi by Anubhav Gupta. Download free Dil Yahi Soch Ke Betab Hua Jata Hai Poem for Youth in PDF. Dil Yahi Soch Ke Betab Hua Jata Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil Yahi Soch Ke Betab Hua Jata Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.