अंजुम तराज़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अंजुम तराज़ी
नाम | अंजुम तराज़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Anjum Tarazi |
सच्चाई की ख़ुशबू की रमक़ तक न थी उन में
जिस दिन शहर जला था उस दिन धूप में कितनी तेज़ी थी
इक मंज़र में पेड़ थे जिन पर चंद कबूतर बैठे थे
लम्हा लम्हा अपनी ज़हरीली बातों से डसता था
हर घर के मकीनों ने ही दर खोले हुए थे