अंजुम नियाज़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अंजुम नियाज़ी
नाम | अंजुम नियाज़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Anjum Niyazi |
मैं हर दीवार के दोनों तरफ़ यूँ देख लेता हूँ
ज़िंदगी अपनी क़रीने से बसर होती नहीं
मिरी आवाज़ सुन कर ज़िंदगी बेदार हो जैसे
किस ने दी मुझ को सदा कौन-ओ-मकाँ के उस तरफ़
बे-हिफ़ाज़त ही मिरा गंज-ए-मआ'नी रह गया