Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_931a5bdc604b063269e7fb48673c097d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
वस्ल की रात वो तन्हा होगा - अंजुम लुधियानवी कविता - Darsaal

वस्ल की रात वो तन्हा होगा

वस्ल की रात वो तन्हा होगा

उस पे हालात का पहरा होगा

नींद क्यूँ टूट गई आख़िर-ए-शब

कौन मेरे लिए तड़पा होगा

ख़ुशबुएँ फूट के रोई होंगी

गुल हवाओं में जो बिखरा होगा

वादी-ए-ज़ेहन से उठता है धुआँ

क़ाफ़िला यादों का ठहरा होगा

जाने किस हाल से गुज़री होगी

फूल जिस शाख़ पे उतरा होगा

याद आएँगी हमारी ग़ज़लें

ज़िक्र जब ताज़ा हवा का होगा

चाँद को देख के छत पर 'अंजुम'

साया दीवार से निकला होगा

(924) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wasl Ki Raat Wo Tanha Hoga In Hindi By Famous Poet Anjum Ludhianvi. Wasl Ki Raat Wo Tanha Hoga is written by Anjum Ludhianvi. Complete Poem Wasl Ki Raat Wo Tanha Hoga in Hindi by Anjum Ludhianvi. Download free Wasl Ki Raat Wo Tanha Hoga Poem for Youth in PDF. Wasl Ki Raat Wo Tanha Hoga is a Poem on Inspiration for young students. Share Wasl Ki Raat Wo Tanha Hoga with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.