Love Poetry of Anjum Khaleeq
नाम | अंजुम ख़लीक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Anjum Khaleeq |
जन्म की तारीख | 1950 |
यही तुम पर भी खुलना है
तुम्हारी पोरों का लम्स अब तक.....
ख़ुश-आमदीद
चाँद हम दोनों से मुशाबह है
ये कैसी बात मिरा मेहरबान भूल गया
तहय्युर है बला का ये परेशानी नहीं जाती
सितमगरों से डरूँ चुप रहूँ निबाह करूँ
पलकों तक आ के अश्क का सैलाब रह गया
मिरे जुनूँ को हवस में शुमार कर लेगा
कुछ उज़्र पस-ए-वा'दा-ख़िलाफ़ी नहीं रखते
ख़ाक का रिज़्क़ यहाँ हर कस-ओ-ना-कस निकला
कार-ए-हुनर सँवारने वालों में आएगा
जहाँ सीनों में दिल शानों पे सर आबाद होते हैं
जब तक फ़सील-ए-जिस्म का दर खुल न जाएगा
हर शे'र से मेरे तिरा पैकर निकल आए
दस्तार-ए-हुनर बख़्शिश-ए-दरबार नहीं है
चाहे तू शौक़ से मुझे वहशत-ए-दिल शिकार कर
बदल चुके हैं सब अगली रिवायतों के निसाब