Hope Poetry of Anjum Khaleeq
नाम | अंजुम ख़लीक़ |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Anjum Khaleeq |
जन्म की तारीख | 1950 |
इंसान की निय्यत का भरोसा नहीं कोई
यही तुम पर भी खुलना है
तुम्हारी पोरों का लम्स अब तक.....
ए'तिराफ़
चाँद हम दोनों से मुशाबह है
मिरे जुनूँ को हवस में शुमार कर लेगा
कितना ढूँडा उसे जब एक ग़ज़ल और कही
कहो क्या मेहरबाँ ना-मेहरबाँ तक़दीर होती है
कहाँ तक और इस दुनिया से डरते ही चले जाना
हम अपने ज़ौक़-ए-सफ़र को सफ़र सितारा करें
हर शे'र से मेरे तिरा पैकर निकल आए
चाहे तू शौक़ से मुझे वहशत-ए-दिल शिकार कर
बीते हुए लम्हात को पहचान में रखना
बदल चुके हैं सब अगली रिवायतों के निसाब