Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_22015735eb429f197cf0eb18520e33ef, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ख़ुश-आमदीद - अंजुम ख़लीक़ कविता - Darsaal

ख़ुश-आमदीद

जब कोई काम न हो तब भी मुझे

सोचते रहने का इक काम तो है

राहत ओ दर्द से मब्सूत कोई नाम तो है

यूँही बैठा था मैं उस नाम से वाबस्ता मोहब्बत के,

उदासी के दरीचे खोले

इतनी चुप थी कि ख़यालात की चाप

अपना एहसास दिलाती थी मुझे

बे-कली हस्ब-ए-तलब उस ने न मिल सकने की

हस्ब-ए-मामूल सताती थी मुझे

और फिर फ़ोन की घंटी खंकी

तेरी आवाज़ का झरना फूटा

और वो नाम मुजस्सम हो कर

मेरे अतराफ़ में चकराने लगा

मैं ने देखा कि मिरे कमरे में

बे-कली और उदासी का दरीचा तो कोई था ही नहीं

(1145) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

KHush-amdid In Hindi By Famous Poet Anjum Khaleeq. KHush-amdid is written by Anjum Khaleeq. Complete Poem KHush-amdid in Hindi by Anjum Khaleeq. Download free KHush-amdid Poem for Youth in PDF. KHush-amdid is a Poem on Inspiration for young students. Share KHush-amdid with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.