Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_531b01ace8abb120c0731e8954a217f5, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ब-फ़ैज़-ए-आगही ये क्या अज़ाब देख लिया - अंजुम ख़लीक़ कविता - Darsaal

ब-फ़ैज़-ए-आगही ये क्या अज़ाब देख लिया

ब-फ़ैज़-ए-आगही ये क्या अज़ाब देख लिया

कि ख़ुद ही अपने किए का हिसाब देख लिया

ये नस्ल नस्ल मसाफ़त बहल रही है यूँही

सराब जागते सोते में ख़्वाब देख लिया

दिलों की तीरगी धोने को लोग उठे हैं जब

छतों पर उतरा हुआ आफ़्ताब देख लिया

सरों से ताज बड़े जिस्म से अबाएँ बड़ी

ज़माने हम ने तिरा इंतिख़ाब देख लिया

वो फ़ाख़्ता जिसे लाना था अम्न का पैग़ाम

उड़ी नहीं थी कि उस ने उक़ाब देख लिया

कभी वो खुल के कभी सरसरी मिला हम से

कभी हिलाल कभी माहताब देख लिया

किताब पढ़ने की फ़ुर्सत यहाँ किसे 'अंजुम'

बहुत हुआ तो फ़क़त इंतिसाब देख लिया

(867) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ba-faiz-e-agahi Ye Kya Azab Dekh Liya In Hindi By Famous Poet Anjum Khaleeq. Ba-faiz-e-agahi Ye Kya Azab Dekh Liya is written by Anjum Khaleeq. Complete Poem Ba-faiz-e-agahi Ye Kya Azab Dekh Liya in Hindi by Anjum Khaleeq. Download free Ba-faiz-e-agahi Ye Kya Azab Dekh Liya Poem for Youth in PDF. Ba-faiz-e-agahi Ye Kya Azab Dekh Liya is a Poem on Inspiration for young students. Share Ba-faiz-e-agahi Ye Kya Azab Dekh Liya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.