Ghazals of Anjum Barabankvi
नाम | अंजुम बाराबंकवी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Anjum Barabankvi |
ज़ंजीर तो पैरों से थकन बाँधे हुए है
ज़हर लगता है ये आदत के मुताबिक़ मुझ को
वो जिस के नाम में लज़्ज़त बहुत है
कुछ तो नया किया है हवा ने पता करो
किताब-ए-इश्क़ के जो मो'तबर रिसाले हैं
ख़याल जान से बढ़ कर सफ़र में रहता है
झूटी बातें झूटे लोग
हम सब को बताते रहते हैं ये बात पुरानी काम की है
दिलों से ख़ौफ़ के आसेब-ओ-जिन निकालता है
दिल का गुलाब मैं ने जिसे चूम कर दिया