दयार-ए-इश्क़ में तन्हा रहा नहीं हरगिज़
दयार-ए-इश्क़ में तन्हा रहा नहीं हरगिज़
ख़ुशी ने हाथ जो छोड़ा तो ग़म ने थाम लिया
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दयार-ए-इश्क़ में तन्हा रहा नहीं हरगिज़
ख़ुशी ने हाथ जो छोड़ा तो ग़म ने थाम लिया
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