Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_386682473b50a0e6d18eafbed939c969, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
एक नज़्म - अनीस नागी कविता - Darsaal

एक नज़्म

रफ़्ता रफ़्ता सब आवाज़ें

जो दिल के अंदर हैं

और बाहर

इक ऐसे सकते में खो जाएँगी

जिस का मफ़्हूम अभी तक

किसी इशाअत-घर के हर्फ़ों में ढला नहीं है

आसार-ए-क़दीमा के माहिर

मदफ़ून पुराने शहर के अंदर बाहर से खोद चुके हैं

लेकिन उस का मफ़्हूम अभी तक

किसी इमारत की शाह-गर्दिश की मेहराबों में

और किसी चार आईने के रिसते घाव में मिला नहीं है

जिस को इस का राज़ मिले वो हस्ब-ज़ेल पते पर पहुँचा दे:

'अनीस-नागी', लाहौर

(912) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ek Nazm In Hindi By Famous Poet Anees Nagi. Ek Nazm is written by Anees Nagi. Complete Poem Ek Nazm in Hindi by Anees Nagi. Download free Ek Nazm Poem for Youth in PDF. Ek Nazm is a Poem on Inspiration for young students. Share Ek Nazm with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.